Post0406
आज शाम को मैंने कुछ गाने गए- तुम ही हो, ओ मेरे दिल के चैन, कभी कभी मेरे दिल में। कल की तरह मैं आज जल्दी उठा और पढाई हो गयी ठीक ठाक। सुबह मुझे फिरसे अपना दोस्त मेहुल मिला इस बार नाश्ता करते समय और हमारी पांच दस मिनट बात हुई। सुबह मैंने OS के नोटस लिए और उसके बाद सो गया एक दो घंटे। शाम को मैंने अपने ऑटोमेटा क्लास के नोटस लिए NFA और regular expression के बारे में।
मुझको एक अच्छा शौक बना लेना चाहिए शाम को करने के लिए पढाई के बाद। मेरे पास किताब है पढ़ने को ("The Selfish Gene") पर मैं आज कल उसको पढ़ नहीं रहा हु क्योकि मैं थोड़ा बोर हो गया उसको पढ़के। आज कल मुझे खेद इस बात का है के मैं पियानो उतना प्रैक्टिस नहीं क्र रहा हु। आज के लिए बस इतना ही और कल फिर लिखूंगा।
शब्बा खैर। खोदाफिज़। शुभरात्रि।
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