Post0405

The sun has set once more upon a sunny day. Fortunately, I was able to meet my schoolwork goals today. I am satiated, relaxed, and ready to sleep.
पिछले कुछ दिनों से मैं जल्दी उठ रहा हु सुबह के पांच बजे। जल्दी उठने से मेरा एक दिन में ज्यादा काम हो जाता है। मैं अपनी बचपन की पुराणी यादें याद कर रहा था आज। ऐसा लगता है की वो दिन ज्यादा सीधे-साधे दिन थे। खैर तो मैं जानता हूँ की ये तो सिर्फ कल्पना है और हकीकत कुछ और है मगर मेरा दिमाग फिर भी सोचता है ऐसा। आज दिन के बारे बजे मुझे खाना खाते  समय अपना दोस्त मेहुल मिला हम दोनों अपने इस क्वार्टर के क्लास के बारे में बात कर रहे थे और उससे बात करके अच्छा लगा। मैं शाम को सोच रहा था एक क्लब के इवेंट पर जाने का पर मैंने अंत में फैसला किया ना जाने का क्यों की मैं थका हुआ था और मुझे अकेले रहने का मन हो रहा था। दिन मैं सोया दो बार और उससे मन थोड़ा ताजा हो गया।  शाम को मैंने थोड़े-बहुत शायरी पढ़े ऑनलाइन। अब भी मेरा मन कह रहा है ना सोने का पर रात हो गयी और कल जल्दी उठने के लिए जल्दी सोना चाहिए।

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